हाल ही में 35 वर्षीय क्रिकेटर इमरान पटेल की एक मैच के दौरान पवेलियन लौटते समय अचानक कार्डियक अरेस्ट से मौत ने यह सवाल खड़ा कर दिया है कि आखिर क्यों युवा, खासकर खिलाड़ी या फिटनेस के प्रति सजग लोग भी दिल की बीमारियों का शिकार हो रहे हैं। दक्षिण कोरियाई अभिनेता पार्क मिन जे की 32 साल की उम्र में अचानक मौत ने इस चिंता को और बढ़ा दिया है।
दिल के दौरे और कार्डियक अरेस्ट में फर्क
पहले इसे समझना जरूरी है। दिल का दौरा (हार्ट अटैक) आमतौर पर तब होता है जब धमनियों में रुकावट या खून के थक्के बनने से दिल तक खून का प्रवाह बाधित हो जाता है। वहीं, कार्डियक अरेस्ट दिल की इलेक्ट्रिकल गतिविधियों के अचानक रुकने से होता है। हार्ट अटैक के दौरान ECG (इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम) में बदलाव दिखता है, लेकिन कार्डियक अरेस्ट बिना किसी चेतावनी के आता है और मरीज तुरंत बेहोश हो जाता है।
किन कारणों से बढ़ रहा है खतरा?
1. अनदेखी जेनेटिक समस्याएं
कुछ आनुवंशिक समस्याएं, जैसे हाइपरट्रॉफिक कार्डियोमायोपैथी (HCM), दिल की मांसपेशियों को मोटा और बड़ा बना देती हैं। यह समस्या तब तक नजर नहीं आती जब तक शारीरिक मेहनत से दिल की धड़कन असामान्य न हो जाए और दिल बंद न हो जाए।
2. अत्यधिक शारीरिक मेहनत
खिलाड़ी लगातार कठिन अभ्यास करते हैं, जिससे ज्यादा exertion के कारण दिल की धड़कन और ब्लड प्रेशर खतरनाक स्तर तक बढ़ सकते हैं। लगातार मेहनत के कारण एथलीट हार्ट नामक स्थिति बन सकती है, जिसमें दिल की मांसपेशियों में गड़बड़ी हो जाती है। यह स्थिति अनियमित धड़कन पैदा कर सकती है, जो कार्डियक अरेस्ट का कारण बनती है।
3. लाइफस्टाइल फैक्टर
- डिहाइड्रेशन (पानी की कमी): शरीर में पानी की कमी खून को गाढ़ा बना देती है, जिससे दिल को खून पंप करने में ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है।
- नींद की कमी और रिकवरी टाइम न मिलने से दिल पर दबाव बढ़ता है।
- इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन भी दिल की गतिविधियों में बाधा डाल सकता है।
4. पर्यावरणीय दबाव
ज्यादा गर्मी या ठंड, पसीना आना, और शरीर के तापमान में अचानक बदलाव दिल की कार्यप्रणाली को प्रभावित कर सकते हैं। जो लोग पहले से ही डायबिटीज, कोलेस्ट्रॉल या फैमिली हिस्ट्री जैसी समस्याओं से ग्रस्त हैं, उनके लिए ये दबाव जानलेवा साबित हो सकते हैं।
5. मानसिक तनाव
भावनात्मक दबाव, जैसे प्रदर्शन की चिंता या प्रतिस्पर्धा में आगे बढ़ने का दबाव, दिल पर अतिरिक्त बोझ डाल सकता है। एड्रेनालिन रश से दिल की धड़कनें अनियमित हो सकती हैं।
दिल को सुरक्षित रखने के उपाय
- नियमित इकोकार्डियोग्राम और हार्ट चेकअप करवाएं।
- शरीर को हाइड्रेटेड रखें और इलेक्ट्रोलाइट बैलेंस बनाए रखें।
- व्यायाम के बाद उचित आराम और रिकवरी लें।
- तनाव को नियंत्रित करें और इसे प्रबंधित करना सीखें।
- ब्लड प्रेशर, शुगर, और धूम्रपान जैसी आदतों पर नियंत्रण रखें।
- संतुलित आहार लें और नियमित रूप से व्यायाम करें।
आज की तेज़ रफ्तार जिंदगी में, खुद पर ध्यान देना उतना ही जरूरी है जितना किसी भी लक्ष्य को हासिल करना। याद रखें, दिल की सेहत से समझौता करना आपकी पूरी जिंदगी पर असर डाल सकता है। अपना और अपने प्रियजनों का ख्याल रखें।