ऋषिकेश और हरिद्वार में गंगा के आसपास विकसित हो रहे महत्वाकांक्षी गंगा कॉरिडोर प्रोजेक्ट को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्पष्ट किया है कि कॉरिडोर क्षेत्र में आने वाले भवनों को ध्वस्त नहीं किया जाएगा। रविवार को पूर्व कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक के साथ हुई एक अहम बैठक में मुख्यमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि परियोजना का विकास जनप्रतिनिधियों और विशेषज्ञों के सुझावों को शामिल करते हुए किया जाएगा।
पौराणिक स्थलों का स्वरूप रहेगा यथावत
मुख्यमंत्री ने कहा कि गंगा कॉरिडोर के विकास में क्षेत्र की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक पहचान को प्राथमिकता दी जाएगी। पौराणिक स्थलों और उनके मौलिक स्वरूप को बिना किसी छेड़छाड़ के संरक्षित किया जाएगा। परियोजना का उद्देश्य है गंगा के किनारे सौंदर्यीकरण और सुविधाओं को बेहतर करना, लेकिन इसमें किसी भी ऐतिहासिक या धार्मिक महत्व की जगह को नुकसान पहुंचाने की कोई योजना नहीं है।
भवनों का ध्वस्तीकरण नहीं, बल्कि स्मार्ट विकास
मुख्यमंत्री ने बताया कि कॉरिडोर के तहत आने वाले भवनों को ध्वस्त करने के बजाय उनके आसपास सुधारात्मक कदम उठाए जाएंगे। सौंदर्यीकरण के जरिए उन भवनों को नई पहचान दी जाएगी। इस परियोजना के तहत क्षेत्र में ओपन स्पेस विकसित किए जाएंगे, जो स्नान पर्वों के दौरान भीड़ को नियंत्रित करने में मददगार होंगे।
जन प्रतिनिधियों और विशेषज्ञों की राय होगी अहम
हरिद्वार और ऋषिकेश जैसे महत्वपूर्ण शहरों में इस परियोजना को आगामी 25 वर्षों की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए तैयार किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने जनप्रतिनिधियों, विशेषज्ञों और स्थानीय समुदाय से सुझाव लेकर परियोजना को और अधिक समावेशी बनाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि गंगा कॉरिडोर का उद्देश्य न केवल पर्यटन को बढ़ावा देना है, बल्कि धार्मिक, सांस्कृतिक और पर्यावरणीय दृष्टिकोण से भी इसे टिकाऊ बनाना है।
भीड़ नियंत्रण और यातायात प्रबंधन पर होगा फोकस
गंगा कॉरिडोर प्रोजेक्ट के तहत स्नान पर्वों और धार्मिक आयोजनों के दौरान उमड़ने वाली भीड़ को नियंत्रित करने के लिए योजनाएं बनाई जा रही हैं। खुले स्थान विकसित करने से श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी और यातायात भी सुगम होगा।
हरिद्वार-ऋषिकेश की छवि को मिलेगा नया आयाम
परियोजना के पूरा होने पर हरिद्वार और ऋषिकेश को एक नया रूप मिलेगा। यह न केवल स्थानीय निवासियों बल्कि पर्यटकों के लिए भी आकर्षण का केंद्र बनेगा। ओपन स्पेस, हरियाली, और आधुनिक सुविधाओं के साथ यह क्षेत्र धार्मिक और सांस्कृतिक पर्यटन का एक आदर्श उदाहरण प्रस्तुत करेगा।
मुख्यमंत्री की प्रतिबद्धता
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आश्वासन दिया है कि गंगा कॉरिडोर प्रोजेक्ट के विकास में पारदर्शिता और स्थानीय समुदाय की भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी। उन्होंने कहा कि सरकार का उद्देश्य विकास कार्यों के साथ पर्यावरणीय और सांस्कृतिक संतुलन बनाए रखना है।
यह परियोजना न केवल उत्तराखंड की धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित करने की दिशा में एक कदम है, बल्कि यह राज्य को पर्यटन और पर्यावरणीय स्थिरता के क्षेत्र में भी नई ऊंचाइयों पर ले जाने का प्रयास है।