उत्तराखंड में राष्ट्रीय खेलों की तैयारियां जोरों पर हैं, और अब खेलों की मशाल रैली के जरिए राज्य के हर कोने में खेल भावना की रोशनी फैलाने का अनूठा प्रयास किया जा रहा है। 38वें राष्ट्रीय खेलों से पहले इस विशेष मशाल रैली का आयोजन गुरुवार, 26 दिसंबर से हल्द्वानी से होगा। यह रैली न केवल राज्य के हर जिले में पहुंचेगी, बल्कि खेलों के प्रति जागरूकता बढ़ाने और उत्साह का माहौल बनाने का भी काम करेगी।
मशाल रैली कुल 35 दिनों में 3823 किलोमीटर का सफर तय करेगी और उत्तराखंड के 13 जिलों के 99 स्थानों पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराएगी। इस भव्य आयोजन का समापन 27 जनवरी 2025 को होगा, जिसके अगले दिन यानी 28 जनवरी को राष्ट्रीय खेलों का विधिवत शुभारंभ होगा।
मशाल रैली का सफर: हर जिले में खेलों का उत्सव
इस रैली की योजना कुछ इस तरह बनाई गई है कि हर जिले में मशाल 2-3 दिनों तक रहेगी। खास बात यह है कि अल्मोड़ा और पौड़ी जिलों में मशाल सबसे ज्यादा 14-14 स्थानों पर जाएगी। यह आयोजन स्थानीय स्तर पर खेलों को बढ़ावा देने और युवाओं को प्रेरित करने का बड़ा अवसर साबित होगा।
हर जिले का अपना जोश, अपना रूट
नैनीताल (26-27 दिसंबर): हल्द्वानी, भीमताल, धारी, भवाली, नैनीताल, रामनगर समेत 9 स्थान।
उधमसिंहनगर (28-29 दिसंबर): काशीपुर, जसपुर, बाजपुर, रुद्रपुर, खटीमा सहित 7 स्थान।
चंपावत (30-31 दिसंबर): टनकपुर, चंपावत, लोहाघाट समेत 6 स्थान।
पिथौरागढ़ (01-02 जनवरी): धारचूला, मुनस्यारी, गंगोलीहाट सहित 10 स्थान।
अल्मोड़ा (03-05 जनवरी): द्वाराहाट, सोमेश्वर, कौसानी समेत 14 स्थान।
बागेश्वर (06-08 जनवरी): गरुड़, बागेश्वर, कपकोट।
चमोली (09-11 जनवरी): कर्णप्रयाग, चमोली, गोपेश्वर सहित 10 स्थान।
रुद्रप्रयाग (12-14 जनवरी): अगस्त्यमुनि, ऊखीमठ, जखोली।
टिहरी (15-16 जनवरी): नई टिहरी, चंबा, देवप्रयाग।
उत्तरकाशी (17-19 जनवरी): उत्तरकाशी, बड़कोट, मोरी, मसूरी।
हरिद्वार (20-21 जनवरी): हरिद्वार, रुड़की, लक्सर।
पौड़ी (22-24 जनवरी): लैंसडौन, यमकेश्वर, ऋषिकेश सहित 14 स्थान।
देहरादून (25-27 जनवरी): राजधानी देहरादून में होगा भव्य समापन।
खेलों का संदेश हर घर तक पहुंचाने की कोशिश
मशाल रैली केवल एक औपचारिकता नहीं है, बल्कि इसका उद्देश्य राज्य के हर वर्ग और हर आयु वर्ग को खेलों से जोड़ना है। मुख्य कार्यकारी अधिकारी अमित सिन्हा ने बताया, “मशाल रैली का आयोजन केवल एक रूट प्लान नहीं, बल्कि खेलों के प्रति राज्य के हर नागरिक को जागरूक और प्रेरित करने की कोशिश है। इसके साथ-साथ प्रचार के लिए अन्य कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे।”
खेल भावना का संदेश: युवा हों तैयार
राष्ट्रीय खेलों की यह मशाल रैली उत्तराखंड की युवा शक्ति के लिए प्रेरणा का काम करेगी। यह आयोजन न केवल खिलाड़ियों के लिए मंच तैयार करेगा, बल्कि आम जनता में खेलों के प्रति उत्साह और गर्व की भावना को भी बढ़ाएगा।
तो तैयार हो जाइए! इस बार उत्तराखंड का हर गांव, हर शहर, हर युवा राष्ट्रीय खेलों की इस ऐतिहासिक मशाल रैली का साक्षी बनेगा।