जसप्रीत बुमराह और आकाश दीप ने चौथे दिन गजब का जुझारूपन दिखाते हुए भारत को फॉलो-ऑन से बचाया और एक संभावित हार को दूर कर दिया। उनकी बहादुर बल्लेबाजी ने न केवल टीम को मुश्किल स्थिति से निकाला बल्कि भारतीय ड्रेसिंग रूम में जीत जैसी खुशी का माहौल भी पैदा कर दिया। विराट कोहली ने गौतम गंभीर के साथ हाई-फाइव किया, और रोहित शर्मा हंसी से लोटपोट हो गए।
28 साल पहले बेंगलुरु में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अनिल कुंबले और जवागल श्रीनाथ की बहादुर बल्लेबाजी ने भारत को जीत दिलाई थी। इस बार ब्रिस्बेन के गाबा में जसप्रीत बुमराह और आकाश दीप ने उस यादगार पल को दोहराया। जब दोनों बल्लेबाज क्रीज पर आए, तब भारत का स्कोर 213 पर 9 विकेट था और फॉलो-ऑन बचाने के लिए अभी भी 36 रन चाहिए थे। अगर ऑस्ट्रेलिया ने फॉलो-ऑन लागू किया होता, तो मैच में हार की आशंका बढ़ जाती।
संघर्ष की शुरुआत
इससे पहले, सुबह रोहित शर्मा (74/5) को पैट कमिंस ने आउट किया और फिर केएल राहुल भी स्टीव स्मिथ के शानदार कैच का शिकार हुए। राहुल, जो पूरे संयम के साथ 84 रन की पारी खेल रहे थे, नाथन लायन की गेंद पर एक शॉट लगाने की कोशिश कर रहे थे। लेकिन स्मिथ, जिन्होंने दिन की शुरुआत में एक आसान कैच छोड़ा था, इस बार दाईं ओर कूदते हुए गेंद को लपक लिया।
रवींद्र जडेजा (77) ने निचले क्रम में बहादुरी के साथ बल्लेबाजी करते हुए भारत को संभालने की कोशिश की। हालांकि, जब जडेजा पैट कमिंस की बाउंसर पर पुल शॉट खेलते हुए आउट हुए, तब फॉलो-ऑन लगभग तय नजर आ रहा था। यह वही समय था जब आखिरी बल्लेबाज आकाश दीप मैदान पर उतरे।
वीरता का प्रदर्शन
अनील कुंबले और जवागल श्रीनाथ की तरह, जसप्रीत बुमराह और आकाश दीप की यह जोड़ी भी अप्रत्याशित थी। बुमराह ने अपनी जिद और धैर्य से रन बचाए, जबकि आकाश दीप ने साहस और कौशल का प्रदर्शन किया। ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों, खासकर पैट कमिंस और मिशेल स्टार्क, ने बाउंसरों की झड़ी लगा दी, लेकिन आकाश दीप ने बेहतरीन तकनीक का इस्तेमाल करते हुए गेंदों को झेलना शुरू किया। उन्होंने कई बार गेंद को उछलते हुए नीचे गिराया और रन बनाने के मौके भी तलाशे।
आखिरी के कुछ ओवरों में पैट कमिंस पसीने से लथपथ नजर आए। उनके चेहरे से टपकता पसीना दिखा रहा था कि यह लड़ाई कितनी मुश्किल थी। ऑस्ट्रेलियाई टीम लगातार गेंद को बदलने की मांग कर रही थी, क्योंकि गेंद नरम हो चुकी थी, लेकिन अंपायरों ने उनकी अपील ठुकरा दी। आकाश दीप ने कुछ खूबसूरत शॉट्स भी लगाए, जिसमें ऑन-द-अप पंच और स्लिप के ऊपर से निकला अपर कट शामिल था। यह शॉट्स देखने के बाद रोहित शर्मा खुद उनकी बल्लेबाजी की नकल करते नजर आए।
फॉलो-ऑन का बचाव
जब भारत को फॉलो-ऑन से बचने के लिए केवल 8 रन चाहिए थे, तब आकाश दीप ने एक जोखिम भरा शॉट खेला। गेंद बल्ले के अंदरूनी किनारे से लगकर स्टंप्स के पास से निकल गई। इसके बाद ड्रेसिंग रूम से एक संदेश आया, जिसे केएल राहुल ने बताया, “संदेश यह था कि घबराने की जरूरत नहीं है, सिंगल्स लेकर लक्ष्य तक पहुंचा जा सकता है।” आकाश दीप ने संयम बनाए रखा और अंततः एक अपर स्लैश के जरिए भारत को सुरक्षित स्कोर तक पहुंचा दिया।
ऑस्ट्रेलिया के सहायक कोच डेनियल वेटोरी ने बाद में बताया, “अगर हम उन्हें आउट कर देते तो निश्चित तौर पर फॉलो-ऑन लागू करते। यह हमारे पास जीत का एकमात्र मौका था, क्योंकि बारिश के कारण समय कम हो चुका है।”
जडेजा की वापसी
रवींद्र जडेजा, जिन्होंने गेंदबाजी में थोड़ा निराश किया था, ने अपनी बल्लेबाजी से शानदार वापसी की। उन्होंने विदेशी धरती पर अपने बल्लेबाजी कौशल का एक और शानदार नमूना पेश किया। उनकी तकनीक परफेक्ट नजर आई। जडेजा ने डिफेंस में मजबूती दिखाई, स्ट्रेट ड्राइव्स में आत्मविश्वास झलका और उन्होंने कूकाबुरा गेंद की धार खत्म होने के बाद इसे जमकर भुनाया।
उम्मीद की किरण
हालांकि भारत की शीर्ष क्रम की बल्लेबाजी थोड़ी लचर रही, लेकिन केएल राहुल ने फिर से संयम और चरित्र का प्रदर्शन करते हुए टीम के लिए एक मजबूत उदाहरण पेश किया। इसके अलावा, युवा बल्लेबाज नितीश रेड्डी ने भी यह दिखाया कि वे परिस्थिति के हिसाब से खुद को ढाल सकते हैं। उन्होंने बॉल्स को छोड़ने का संयम रखा और जरूरत के समय काउंटर-अटैक भी किया।
अब भारत के लिए जरूरी है कि वे इस मैच को ड्रॉ कराएं और अगले मैचों में वापसी के लिए खुद को तैयार करें। मेलबर्न और सिडनी में भारत को रोहित शर्मा और विराट कोहली जैसे सीनियर बल्लेबाजों से उम्मीदें होंगी। लेकिन फिलहाल ब्रिस्बेन से एक ड्रॉ भी भारत के लिए जीत जैसा महसूस होगा और ऑस्ट्रेलियाई टीम पर मानसिक दबाव जरूर छोड़ेगा।
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