कुछ प्राणायाम आपको सहजता से ध्यान की अवस्था में ले जा सकते हैं।
जब शरीर एक खास मुद्रा और लय के साथ संरेखित होता है, तो मन स्वाभाविक रूप से ध्यान की अवस्था में प्रवेश करता है। लेकिन ध्यान करना तब मुश्किल हो जाता है जब आप या तो बहुत सक्रिय होते हैं या बहुत अधिक आराम की स्थिति में। ध्यान का सही संतुलन तब आता है जब आपका शरीर न तो अत्यधिक थका हो और न ही बहुत अधिक आरामदायक। इसी संतुलन को पाने में प्राणायाम आपकी मदद कर सकता है। कुछ खास प्राणायाम अभ्यास आपके शरीर और मन को ध्यान के लिए तैयार करने में सहायक होते हैं।
भस्त्रिका प्राणायाम

भस्त्रिका प्राणायाम
भस्त्रिका प्राणायाम को “सांसों का जागरण” भी कहा जाता है। यह आपके शरीर में ऊर्जा का प्रवाह बढ़ाता है और मन को ध्यान के लिए तैयार करता है।
- योगा मैट पर सीधा बैठें।
- अपने हाथों को मुठ्ठी बनाकर कंधों के पास रखें।
- गहरी सांस लें, हाथों को ऊपर उठाएं और मुठ्ठियों को खोलें।
- सांस को थोड़ा बलपूर्वक छोड़ें, हाथों को कंधों के पास वापस लाएं और मुठ्ठियां बंद करें।
- इसे 20 बार दोहराएं।
- कुछ सामान्य गहरी सांसें लेते हुए अपने हाथों को घुटनों पर रखें।
- इस प्रक्रिया को दो और राउंड के लिए दोहराएं।
भ्रामरी प्राणायाम (भौंरे की गूंज जैसा सांस)

भ्रामरी प्राणायाम (भौंरे की गूंज जैसा सांस)
यह प्राणायाम आपके मन को शांत करने में बेहद कारगर है। यह ध्यान का मार्ग प्रशस्त करता है और आपकी चिंता को कम करता है।
- सीधा बैठें, आंखें बंद करें और चेहरे पर एक हल्की मुस्कान रखें।
- अपनी तर्जनी उंगलियों को कान के पास उपास्थि (cartilage) पर रखें।
- गहरी सांस लें और छोड़ते समय उपास्थि को हल्के से दबाएं।
- साथ ही, भौंरे जैसी गूंज की आवाज निकालें।
- इसे 3-4 बार दोहराएं।
नाड़ी शोधन प्राणायाम (वैकल्पिक नासिका श्वसन)

नाड़ी शोधन प्राणायाम (वैकल्पिक नासिका श्वसन)
यह प्राणायाम आपके शरीर के ऊर्जा मार्गों को शुद्ध करता है और ध्यान में गहराई लाने में मदद करता है।
- रीढ़ सीधी और कंधे आरामदायक स्थिति में रखें।
- बाएं हाथ से चिन मुद्रा बनाएं और इसे अपने घुटने पर रखें।
- दाहिने हाथ की तर्जनी और मध्यमा को भौंहों के बीच रखें।
- अंगूठे से दाहिने नासिका छिद्र को बंद करें और बाईं ओर से सांस छोड़ें।
- बाईं ओर से गहरी सांस लें और फिर बाईं नासिका को बंद करें।
- दाहिनी ओर से सांस छोड़ें।
- इस प्रक्रिया को 9 बार दोहराएं।
प्राण मुद्रा

प्राण मुद्रा
यह मुद्रा जीवन ऊर्जा को सक्रिय करती है और मन को शांत करती है।
- घुटनों पर हाथ रखकर आरामदायक मुद्रा में बैठें।
- अपनी छोटी उंगली, अनामिका और अंगूठे को आपस में मिलाएं।
- शेष उंगलियों को सीधा रखें।
- गहरी सांसें लेते हुए इस मुद्रा में रहें।
- इसे 9 बार दोहराएं।
ध्यान के लिए तैयारी
योग और प्राणायाम का अभ्यास करने के बाद ध्यान के लिए खुद को सहज बनाएं।
- घुटनों पर हथेलियां ऊपर की ओर रखते हुए बैठें।
- गहरी सांसें लें और शरीर को पूरी तरह से आराम दें।
- मन को किसी भी विचार से मुक्त करने का प्रयास करें।
विशेषज्ञों की सलाह
ध्यान और प्राणायाम को नियमित रूप से करने से न केवल आपकी मानसिक शांति बढ़ती है, बल्कि यह आपकी शारीरिक और भावनात्मक स्वास्थ्य को भी बेहतर बनाता है।
ध्यान रखें, इन तकनीकों का नियमित अभ्यास ही आपके मन को गहरी शांति और स्थिरता प्रदान करेगा। “विश्व ध्यान दिवस” पर खुद को एक नई शुरुआत देने का संकल्प लें और इन प्राचीन विधियों से अपने जीवन में सकारात्मकता का संचार करें।
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