शुक्रवार को सोने और चांदी की कीमतों में भारी गिरावट देखी गई, जिससे सर्राफा बाजार में हड़कंप मच गया। सोना ₹80,000 के नीचे आ गया, और चांदी ने दिसंबर महीने की सबसे बड़ी एक दिवसीय गिरावट का सामना किया। आखिर ऐसा क्या हुआ जिसने बाजार को इस कदर हिला दिया?
आंकड़े जो बाजार को चौंका गए
राष्ट्रीय राजधानी के बाजार में, 99.9% शुद्धता वाला सोना ₹1,400 टूटकर ₹79,500 प्रति 10 ग्राम पर आ गया, जो पिछले सत्र में ₹80,900 था। इसी तरह, 99.5% शुद्धता वाले सोने की कीमत भी ₹1,400 गिरकर ₹79,100 प्रति 10 ग्राम हो गई।
चांदी की बात करें तो यह ₹4,200 गिरकर ₹92,800 प्रति किलो पर आ गई, जो गुरुवार को ₹97,000 थी। यह दिसंबर महीने में अब तक की सबसे बड़ी गिरावट है।
वहीं, मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) पर, फरवरी डिलीवरी के लिए सोने के वायदा ₹539 (0.69%) गिरकर ₹77,430 प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गए। मार्च डिलीवरी के लिए चांदी के वायदा ₹1,104 (1.19%) गिरकर ₹91,529 प्रति किलो हो गए।
गिरावट के पीछे कारण
इस भारी गिरावट के पीछे कई कारण रहे, जिनमें शामिल हैं:
- ज्वैलर्स और स्टॉकिस्टों की भारी बिकवाली: ज्वैलर्स और स्टॉकिस्टों द्वारा बड़े पैमाने पर बिकवाली ने बाजार में आपूर्ति बढ़ा दी।
- अंतरराष्ट्रीय बाजार में कमजोरी: वैश्विक बाजारों में गिरावट ने घरेलू बाजार को प्रभावित किया। कॉमेक्स पर सोने के फ्यूचर USD 18.60 गिरकर USD 2,690.80 प्रति औंस पर आ गए।
- प्रॉफिट बुकिंग: अमेरिका के मिश्रित आर्थिक आंकड़ों, जैसे कि कम प्रोड्यूसर प्राइस इंडेक्स (PPI) और बढ़े हुए बेरोजगारी के दावों ने निवेशकों को मुनाफा बुक करने के लिए प्रेरित किया।
विशेषज्ञों की राय: आगे क्या हो सकता है?
LKP सिक्योरिटीज के VP रिसर्च एनालिस्ट — कमोडिटी और करेंसी, जतिन त्रिवेदी ने कहा कि सोने की कीमतों में यह उतार-चढ़ाव अमेरिकी मौद्रिक नीति में अनिश्चितता के कारण है। हालांकि अगले हफ्ते फेडरल रिजर्व की बैठक में 25 आधार अंकों की दर में कटौती की संभावना है, लेकिन 2025 के लिए नीतियों का रास्ता अभी भी स्पष्ट नहीं है।
HDFC सिक्योरिटीज के सीनियर एनालिस्ट – कमोडिटी, सौमिल गांधी ने बताया कि डॉलर के मजबूत होने से सोने पर दबाव बढ़ा। उन्होंने कहा कि अगर फेडरल रिजर्व नीतियों में नरमी का संकेत देता है तो बाजार की धारणा बदल सकती है।
आनंद राठी शेयर्स एंड स्टॉक ब्रोकर्स के AVP, कमोडिटी और करेंसी, मनीष शर्मा ने जापान और इंग्लैंड की मौद्रिक नीतियों को भी अगले सप्ताह के लिए महत्वपूर्ण कारक बताया, जो बाजार के अगले कदम को प्रभावित कर सकते हैं।
व्यापारियों के लिए संभावनाएं
सोने और चांदी के लिए निकट भविष्य में बाजार अस्थिर रहने की संभावना है। त्रिवेदी ने कहा कि MCX पर सोने की कीमतें ₹76,000-78,000 प्रति 10 ग्राम के बीच रह सकती हैं। वहीं, चांदी भी दबाव में रह सकती है, जो अंतरराष्ट्रीय बाजार में USD 31.17 प्रति औंस पर कारोबार कर रही है।
वर्षांत समायोजन के कारण कीमतों में तेज उछाल सीमित रह सकती है, लेकिन भू-राजनीतिक और आर्थिक घटनाक्रम तेजी से बाजार को प्रभावित कर सकते हैं।
बड़ी तस्वीर
सोने और चांदी की कीमतों में इस भारी गिरावट ने दिखा दिया है कि कीमती धातुएं वैश्विक संकेतकों और सट्टेबाजी के कारोबार पर कितनी निर्भर हैं। जैसे-जैसे वर्षांत और महत्वपूर्ण मौद्रिक नीति निर्णय नजदीक आ रहे हैं, बाजार में तेजी से बदलाव और संभावित अवसर बने रहेंगे।
निवेशकों को सलाह है कि बाजार पर नजर बनाए रखें और समझदारी से कदम उठाएं।
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