मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार भारत में खेल के क्षेत्र में दिया जाने वाला सबसे प्रतिष्ठित सम्मान है। इसे हर साल युवा मामले और खेल मंत्रालय द्वारा उन खिलाड़ियों को प्रदान किया जाता है जिन्होंने अपने खेल में असाधारण प्रदर्शन कर देश का मान बढ़ाया है। यह पुरस्कार महान भारतीय हॉकी खिलाड़ी मेजर ध्यानचंद के नाम पर रखा गया है और 1991-92 में इसकी शुरुआत हुई थी। यह सम्मान खिलाड़ियों के कौशल, समर्पण और उपलब्धियों का प्रतीक है।
राष्ट्रपति भवन में खेल सितारों का सम्मान
शुक्रवार को राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक भव्य समारोह में भारत के चार शीर्ष एथलीट्स को इस सम्मान से नवाजा गया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने पुरुष हॉकी टीम के कप्तान हरमनप्रीत सिंह, पैरालंपिक स्वर्ण पदक विजेता ऊंची कूद खिलाड़ी प्रवीण कुमार, विश्व शतरंज चैंपियन गुकेश डोमाराजू और दो बार की ओलंपिक पदक विजेता निशानेबाज मनु भाकर को सम्मानित किया।
मनु भाकर ने रचा इतिहास
मनु भाकर ने पेरिस ओलंपिक में इतिहास रचते हुए भारतीय महिलाओं की पहली शूटर बनकर व्यक्तिगत 10 मीटर एयर पिस्टल प्रतियोगिता में कांस्य पदक जीता। इसके अलावा, उन्होंने मिश्रित टीम प्रतियोगिता में सरबजोत सिंह के साथ एक और कांस्य पदक हासिल किया। यह उपलब्धि उन्हें एक ही ओलंपिक में दो पदक जीतने वाली पहली भारतीय एथलीट बनाती है।
President #DroupadiMurmu presents the prestigious Major Dhyan Chand Khel Ratna Award to shooter @realmanubhaker at the National Sports Awards 2024. #Shooting #NationalSportsAwards @Media_SAI @IndiaSports pic.twitter.com/OruucHTX3p
— DD News (@DDNewslive) January 17, 2025
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सम्मान समारोह में मनु की प्यारी गलती
हालांकि, यह सम्मान समारोह पूरी तरह औपचारिक नहीं रहा। समारोह के दौरान एक हल्का-फुल्का पल तब आया जब मंच पर मनु भाकर का नाम पुकारा गया। जैसे ही उद्घोषक ने उनकी उपलब्धियां गिनानी शुरू की, मनु उत्साह में थोड़ी जल्दी में मंच की ओर बढ़ गईं। बीच में एक क्षण के लिए रुककर उन्होंने अपनी गलती को महसूस किया और हल्की मुस्कान के साथ आगे बढ़ीं। यह छोटा सा पल वहां मौजूद सभी को मुस्कुराने पर मजबूर कर गया।
मनु भाकर का उत्साह और भविष्य की योजनाएं
पुरस्कार समारोह के बाद मनु भाकर ने अपनी भावनाएं साझा करते हुए कहा, “खेल रत्न प्राप्त करना मेरे लिए बड़े सम्मान की बात है। यह देश का सबसे बड़ा खेल सम्मान है और मुझे यह प्रेरित करेगा कि मैं भविष्य में और कड़ी मेहनत करूं और देश के लिए और पदक जीतूं।”
उन्होंने यह भी बताया कि वे पिछले ढाई महीने से नियमित रूप से प्रशिक्षण कर रही हैं। “इस महीने के अंत और अगले महीने कुछ महत्वपूर्ण प्रतियोगिताएं होने वाली हैं, और मैं उनके लिए पूरी तैयारी कर रही हूं,” मनु ने जोड़ा।
खेल भावना का जश्न
मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार केवल व्यक्तिगत उपलब्धियों का सम्मान नहीं है, बल्कि यह भारतीय खेलों में उत्कृष्टता और खेल भावना के प्रति समर्पण का उत्सव है। हरमनप्रीत सिंह, प्रवीण कुमार, गुकेश डोमाराजू और मनु भाकर जैसे खिलाड़ियों की पहचान उनके खेल में योगदान और भविष्य की पीढ़ियों को प्रेरणा देने के लिए की गई है।
राष्ट्रपति भवन में आयोजित यह भव्य समारोह न केवल इन खिलाड़ियों की उपलब्धियों का सम्मान था, बल्कि यह खेल में जुनून और मेहनत की ताकत का प्रतीक भी था। इन खिलाड़ियों ने दिखाया है कि सही प्रयास और दृढ़ निश्चय के साथ हर सपना साकार हो सकता है।
निष्कर्ष
मनु भाकर की मुस्कान और उनकी प्यारी गलती ने इस औपचारिक समारोह को एक व्यक्तिगत और यादगार स्पर्श दिया। यह पल दर्शाता है कि सबसे बड़े मंच पर भी, मानवीय क्षण हमारी सबसे बड़ी उपलब्धियों का हिस्सा बन सकते हैं।