एक सोशल मीडिया वीडियो ने संस्कृति सहिष्णुता और नस्लवाद पर तीखी बहस छेड़ दी है। इस वीडियो में एक महिला भारतीय शादियों के शोर को लेकर अपनी नाराज़गी जाहिर कर रही है। वीडियो को X (पहले ट्विटर) पर @Canadiangirl नामक यूज़र द्वारा साझा किया गया। इसमें महिला, जिसे सैडी क्रोवेल के रूप में पहचाना गया है, अपने घर के पास हो रही एक शादी के ज़ोरदार जश्न पर नाराज़गी व्यक्त कर रही हैं।
वीडियो में सैडी अपने बेडरूम में लेटी हुई दिखाई देती हैं, जबकि ढोल की आवाज़ें और लोगों की बातचीत उनके कमरे तक सुनाई देती हैं। वीडियो में वह कहती हैं,
“यह मैं अपने बिस्तर पर सोने की कोशिश कर रही हूं, और यहां पूरी रात शादी चल रही है।”
इसके बाद वीडियो में एक दृश्य उनकी बालकनी से लिया गया है, जहां नीचे सड़क पर लोग खुशी से झूमते और जश्न मनाते दिखते हैं। कैमरा भीड़ को कैप्चर करता है और फिर सैडी कहती हैं, “सुबह के 9 बज गए हैं।”
Everyone will despise the Indians given enough time pic.twitter.com/8V42PLGLRW
— Canadian Girl (@alwaysaracist) January 7, 2025
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आक्रामक कैप्शन ने बढ़ाई आग
इस वीडियो के साथ सैडी ने जो कैप्शन लिखा, उसने विवाद को और बढ़ा दिया। उन्होंने लिखा:
“हर कोई समय के साथ भारतीयों से नफरत करने लगेगा।”
जैसे ही यह पोस्ट वायरल हुई, सोशल मीडिया पर लोगों की प्रतिक्रियाओं की बाढ़ आ गई। कुछ ने सैडी पर नस्लीय भेदभाव का आरोप लगाया, तो वहीं कुछ लोगों ने उनके गुस्से को सही ठहराते हुए कहा कि किसी भी जश्न के दौरान दूसरों की शांति का ध्यान रखना जरूरी है, खासकर रिहायशी इलाकों में।
सोशल मीडिया पर बंट गए लोग
इस पोस्ट पर हजारों कमेंट्स आए। कई लोगों ने भारतीय समुदाय के खिलाफ कड़े शब्दों का इस्तेमाल किया। एक यूज़र ने लिखा:
“यह गलत है। जिस देश में वे अपना भविष्य बनाने गए, वहां ऐसी हरकतें करना ठीक नहीं है।”
एक अन्य यूज़र ने सुझाव दिया, “स्पेन में लोग ऐसी स्थिति में बालकनी से पानी की बाल्टियां फेंकते हैं।”
कुछ यूज़र्स ने सवाल उठाया कि “क्या किसी रिहायशी इलाके में इतना शोर करना कानूनन सही है?”
हालांकि, कई लोगों ने सैडी की बातों को नस्लीय पूर्वाग्रह और असहिष्णुता बताया। एक यूज़र ने लिखा:
“यह नस्लीय हमला है। हर संस्कृति की अपनी परंपराएं होती हैं। शादियां भारतीय संस्कृति का एक अहम हिस्सा हैं।”
नस्लवाद की ओर मुड़ती बहस
हालांकि बहस शुरुआत में शोर-शराबे पर थी, लेकिन जल्द ही यह चर्चा नस्लीय टिप्पणियों पर शिफ्ट हो गई। एक यूज़र ने लिखा:
“यह सब एक बड़ा प्लान है ताकि ज्यादा भारतीयों को दूसरे देशों में लाया जा सके। वे आसानी से कंट्रोल हो जाते हैं और राजनीतिक भ्रष्टाचार पर आवाज़ नहीं उठाते।”
एक अन्य यूज़र ने तो यहां तक लिख दिया:
“अगर बड़े पैमाने पर इमिग्रेशन हो सकता है, तो बड़े पैमाने पर डिपोर्टेशन क्यों नहीं हो सकता? कनाडा को MACA (Make Canada Great Again) पॉलिसी अपनानी चाहिए।”
भारतीय समुदाय पर निशाना क्यों?
विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसे मामले बढ़ते नस्लवाद और प्रवासी विरोधी मानसिकता की ओर इशारा करते हैं। भारतीय समुदाय दुनिया भर में अपनी संस्कृति और परंपराओं को साथ लेकर जाता है। शादी जैसे जश्न भारतीय संस्कृति का अभिन्न हिस्सा हैं। हालांकि, कई देशों में भारतीय शादियों के उत्साह और शोर को वहां की स्थानीय संस्कृति के खिलाफ माना जाता है।
कनाडा में हाल के दिनों में अप्रवासियों के खिलाफ कई नस्लीय घटनाएं सामने आई हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि यह घटना भी उसी कड़ी का हिस्सा है।
कनाडा की विविधता और सहिष्णुता पर सवाल
कनाडा को एक ऐसा देश माना जाता है जहां विभिन्न संस्कृतियों को खुलकर अपनाने की छूट है। यहां भारतीय, चीनी, पाकिस्तानी, और अन्य समुदायों का बड़ा योगदान है। लेकिन हाल के वर्षों में नस्लीय हमलों की घटनाएं बढ़ रही हैं।
एक समाजशास्त्री के अनुसार,
“किसी भी देश में प्रवासी समुदाय अपनी परंपराएं साथ लेकर आता है। लेकिन नई संस्कृति में घुलने-मिलने और स्थानीय कानूनों का सम्मान करना भी उतना ही जरूरी है।”
क्या है समाधान?
विशेषज्ञ मानते हैं कि ऐसी घटनाओं से बचने के लिए दोनों पक्षों को समझदारी दिखानी होगी। भारतीय समुदाय को स्थानीय संस्कृति और कानूनों का सम्मान करना चाहिए। वहीं, स्थानीय लोगों को भी विविधता को अपनाने और सहिष्णुता दिखाने की जरूरत है।
कुछ यूज़र्स ने इस विवाद को सुलझाने के लिए सुझाव दिया कि आयोजकों को शादियों के दौरान शोर-शराबे पर नियंत्रण रखने के उपाय करने चाहिए।
एक यूज़र ने लिखा,
“अगर दोनों पक्ष एक-दूसरे की संस्कृति को समझने की कोशिश करें, तो इस तरह के विवाद खत्म हो सकते हैं।”
शादियां और संस्कृति: विवाद का नया मोड़
भारतीय शादियां अपनी भव्यता और लंबे समारोहों के लिए जानी जाती हैं। लेकिन विदेशों में इसे लेकर कई बार विवाद हो चुका है।
- 2019 में, ब्रिटेन में एक भारतीय शादी पर स्थानीय लोगों ने पुलिस में शिकायत की थी।
- 2021 में, अमेरिका में एक भारतीय शादी के दौरान शोर-शराबे को लेकर झगड़ा हुआ था।
क्या कहते हैं भारतीय प्रवासी?
कनाडा में बसे भारतीय प्रवासियों का कहना है कि वे अपनी परंपराओं को छोड़ नहीं सकते। एक प्रवासी ने कहा,
“हमारी शादियां हमारी पहचान हैं। हमें अपनी संस्कृति के साथ समझौता नहीं करना चाहिए। लेकिन हां, हमें स्थानीय लोगों की भावनाओं का भी ख्याल रखना चाहिए।”
नस्लीय भेदभाव पर कानूनी कार्रवाई की मांग
इस घटना के बाद कई लोग कनाडा सरकार से नस्लीय भेदभाव के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
एक यूज़र ने लिखा,
“कनाडा सरकार को ऐसे मामलों में तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए ताकि नस्लीय भेदभाव पर रोक लगाई जा सके।”
यह घटना सिर्फ एक शादी का मामला नहीं है। यह एक बड़ी समस्या की ओर इशारा करती है – सहिष्णुता बनाम नस्लीय असहिष्णुता। सवाल यह है कि क्या कनाडा जैसे देश में विविधता और संस्कृति का सम्मान सुरक्षित है? या फिर यह प्रवासियों के लिए एक चेतावनी है कि वे अपनी परंपराओं को पीछे छोड़ दें?