उत्तराखंड में प्रस्तावित 38वें राष्ट्रीय खेलों के लिए तैयारियां जोरों पर हैं। इन खेलों के दौरान त्रुटिरहित सुरक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से देहरादून पुलिस ने व्यापक सत्यापन अभियान चलाया। यह अभियान बीती देर शाम शुरू होकर रात भर चला, जिसमें नगर और देहात क्षेत्र के नौ विभिन्न थाना क्षेत्रों को शामिल किया गया।
बांग्लादेशी और रोहिंग्या नागरिकों की मौजूदगी के इनपुट के बाद सुरक्षा अलर्ट
खुफिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, जिले के कुछ इलाकों में बांग्लादेशी और रोहिंग्या नागरिकों के अवैध रूप से रहने की सूचना थी। इसे ध्यान में रखते हुए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) देहरादून ने सत्यापन अभियान के निर्देश दिए। पुलिस की टीमों ने न सिर्फ झुग्गी-झोपड़ियों में बल्कि अन्य संवेदनशील इलाकों में भी इस अभियान को अंजाम दिया।
नगर क्षेत्र में सत्यापन अभियान के स्थान
देहरादून के शहरी इलाकों में सत्यापन अभियान नेहरू कॉलोनी, प्रेमनगर, और पटेलनगर जैसे प्रमुख थाना क्षेत्रों में चलाया गया। अभियान के दौरान पुलिस ने निम्न स्थानों को कवर किया:
- नेहरू कॉलोनी: नत्थनपुर और जोगीवाला।
- प्रेमनगर: नंदा की चौकी, ठाकुरपुर और कोटरासंतूर।
- कैंट क्षेत्र: बिंदाल बस्ती, लोहारवाला, और कौलागढ़।
- पटेलनगर: बंजारावाला, कसाई मोहल्ला, और एमडीडीए प्लॉट निकट आईएसबीटी।
देहात क्षेत्रों में कार्रवाई
शहरी क्षेत्रों के साथ-साथ देहात क्षेत्रों में भी यह अभियान तेज़ी से चलाया गया। पुलिस ने सहसपुर, सेलाकुई, डोईवाला, ऋषिकेश और रायवाला के संवेदनशील इलाकों में सत्यापन किया। इनमें चोई बस्ती, शिवनगर, और हरिपुर कलां जैसे स्थान शामिल थे।
संदिग्ध व्यक्तियों को थाने लाकर पूछताछ
अभियान के दौरान 1,004 बाहरी व्यक्तियों का सत्यापन किया गया। इनमें से 177 परिवारों के सदस्य पश्चिम बंगाल और असम के पते वाले आधार कार्ड के साथ पाए गए। पुलिस ने 75 संदिग्ध व्यक्तियों को पूछताछ के लिए थाने लाया।
इनसे यह जानकारी ली गई कि क्या उन्होंने असम और पश्चिम बंगाल के पते वाले नकली दस्तावेज किराए पर रहने के लिए तैयार किए हैं। इसके अलावा, इन व्यक्तियों के मूल निवास की भी जांच की गई।
पुलिस का डेटा संग्रहण और सतर्कता
पुलिस सभी संदिग्ध व्यक्तियों का डेटा रिकॉर्ड कर रही है, जिससे भविष्य में किसी भी संदिग्ध गतिविधि पर नजर रखी जा सके। यह सुनिश्चित करने के लिए कि राष्ट्रीय खेलों के दौरान कोई अप्रिय घटना न हो, सत्यापन अभियान लगातार जारी रहेगा।
सुरक्षा के लिए यह कदम क्यों है महत्वपूर्ण?
राष्ट्रीय खेलों जैसे बड़े आयोजनों में देशभर से हजारों खिलाड़ियों, अधिकारियों और दर्शकों का आना-जाना होता है। ऐसे में सुरक्षा में किसी भी चूक की गुंजाइश नहीं रहती। पुलिस का यह अभियान न केवल अवैध निवासियों की पहचान करने में सहायक है, बल्कि संभावित खतरों को भी खत्म करता है।
राष्ट्रीय खेलों को लेकर प्रशासन की गंभीरता
देहरादून प्रशासन और पुलिस विभाग राष्ट्रीय खेलों को सफल बनाने के लिए हर संभव कदम उठा रहे हैं। सुरक्षा के इस व्यापक अभियान से यह साफ है कि आयोजन को सुरक्षित और व्यवस्थित बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी।