एक बेटे ने अपने पिता के साथ ऐसा खौ़फनाक काम किया कि हर किसी की रूह कांप उठे। जमीन की खातिर बेटे ने अपने पिता की बेरहमी से हत्या कर दी और इसे आत्महत्या का रूप देने की कोशिश की। पुलिस ने आरोपी बेटे को गिरफ्तार कर लिया है, और अब वह सलाखों के पीछे है।
पूरी खबर:
झबरेड़ा थाना क्षेत्र स्थित झबरेड़ी में एक बेटे ने अपनी मां के नाम पर 12 बीघा ज़मीन देने को लेकर गुस्से में अपने पिता की हत्या कर दी। यह घटना उस समय सामने आई, जब 9 अक्टूबर को विनोद नामक व्यक्ति की संदिग्ध परिस्थिति में मौत हो गई। पुलिस को उसकी लाश पर रस्से के निशान और शरीर पर चोटों के संकेत मिले थे। इसके बाद पुलिस ने मामले की जांच शुरू की, और कुछ दिनों बाद पता चला कि यह हत्या थी, न कि आत्महत्या।
मृतक के परिवारवालों ने पहले ही आशंका जताई थी कि मृतक की मौत संदिग्ध है। इस मामले में विनोद की पत्नी बबीता की तहरीर पर पुलिस ने आरोपी बेटे रविंद्र के खिलाफ केस दर्ज किया। लेकिन रविंद्र पुलिस की नजर से बचकर फरार हो गया था। एसएसपी प्रमेंद्र डोबाल ने आरोपी पर पांच हजार रुपये का ईनाम भी घोषित किया था।
क्या था पूरे मामले का कारण?
आरोपी रविंद्र का कहना था कि उसके पिता के पास कुल 13 बीघा ज़मीन थी। वह चाहता था कि उसकी पूरी ज़मीन उसे मिल जाए। लेकिन उसके पिता ने कुछ माह पहले ही 12 बीघा ज़मीन अपनी पत्नी बबीता के नाम कर दी थी। रविंद्र को यह कदम बर्दाश्त नहीं हुआ, और उसकी नाराजगी ने एक खौ़फनाक रूप लिया। गुस्से में आकर रविंद्र ने अपने पिता का गला घोंटकर हत्या कर दी और घटना को आत्महत्या का रूप देने की कोशिश की।
हत्या के बाद की घटनाएं:
पुलिस ने मृतक का पंचनामा भरकर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया था। फोरेंसिक टीम भी मौके पर पहुंची थी, लेकिन सबूतों ने इस बात को साबित कर दिया कि यह आत्महत्या नहीं, बल्कि हत्या थी।
पुलिस की कार्रवाई:
बबीता ने 8 दिसंबर को रविंद्र के खिलाफ केस दर्ज करवा दिया। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ के दौरान रविंद्र ने पूरी घटना का खुलासा किया और बताया कि उसने हत्या करने से पहले आत्महत्या की साजिश भी रची थी, ताकि उसकी ज़मीन का मालिकाना हक मिल सके।
आरोपी की गिरफ्तारी:
एसओ अंकुर शर्मा ने बताया कि आरोपी रविंद्र को कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया गया है। रविंद्र ने जिस तरह से पिता के साथ घिनौनी हरकत की, उसे देखकर यह साफ हो गया कि उसे अपने परिवार की भावना से ज्यादा अपनी स्वार्थपूर्ति की चिंता थी।
यह घटना एक बार फिर इस बात की याद दिलाती है कि रिश्तों में विश्वास और समझदारी होना कितना ज़रूरी है। जमीन और संपत्ति के लालच में इंसान किस हद तक जा सकता है, यह घटना इसका सबसे बड़ा उदाहरण है।