उत्तर भारत के कुछ हिस्सों में, जैसे दिल्ली, हरियाणा और पंजाब में, इन दिनों ठंड का असर देखने को मिल रहा है। आमतौर पर ठंड की लहरें दिसंबर के मध्य में शुरू होती हैं और जनवरी तक चलती हैं। लेकिन इस बार ठंड ने पहले ही दस्तक दे दी है। इसके पीछे क्या कारण हैं और आगे के दिनों में मौसम कैसा रहेगा, आइए विस्तार से जानते हैं।
दिल्ली और अन्य हिस्सों में तापमान का हाल
गुरुवार को दिल्ली का न्यूनतम तापमान 4.5°C दर्ज किया गया, जो इस मौसम का सबसे कम तापमान है। सफदरजंग मॉनिटरिंग स्टेशन पर यह तापमान रिकॉर्ड किया गया। इसी तरह, चंडीगढ़ में भी औसत न्यूनतम तापमान 6.8°C है, जबकि अधिकतम तापमान 24.8°C के करीब रहता है। लेकिन बुधवार की रात चंडीगढ़ का न्यूनतम तापमान 4.7°C तक गिर गया, और दिन का तापमान 23.1°C पर रहा।
पंजाब में आदमपुर ने बुधवार को न्यूनतम तापमान 1.8°C दर्ज किया, जबकि बठिंडा का अधिकतम तापमान 23.3°C था। हरियाणा में हिसार सबसे ठंडा रहा, जहां तापमान 1.6°C दर्ज किया गया। राजस्थान के फतेहपुर में तो तापमान शून्य से भी नीचे (-0.1°C) चला गया।
ठंड की लहर क्या होती है?
भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार, ठंड की लहर तब मानी जाती है जब मैदानों में न्यूनतम तापमान 10°C या उससे कम हो जाए, और यह सामान्य तापमान से 4.5°C से 6.4°C तक कम हो। वहीं, जब न्यूनतम तापमान 4°C या इससे कम हो, तब भी इसे ठंड की लहर माना जाता है।
अगर तापमान 2°C से नीचे गिर जाए या सामान्य से 6.5°C से अधिक कम हो जाए, तो इसे “गंभीर ठंड की लहर” कहा जाता है। ठंड की यह स्थिति स्वास्थ्य पर गहरा प्रभाव डालती है, जैसे खांसी, सर्दी, ब्रोंकाइटिस, हड्डियों और मांसपेशियों में दर्द, और रक्तचाप संबंधी समस्याएं। गरीब और बेघर लोग इससे सबसे ज्यादा प्रभावित होते हैं।
इस बार ठंड की लहर जल्दी क्यों आई?
IMD के अनुसार, इस बार ठंड की लहर जल्दी आने के पीछे कई कारण हैं:
- पश्चिमी विक्षोभ का असर:
8 दिसंबर को पश्चिमी हिमालय और उससे सटे मैदानों में दो पश्चिमी विक्षोभ देखे गए, जो 9 दिसंबर तक पूर्व की ओर बढ़ गए। पश्चिमी विक्षोभ भूमध्यसागर से उत्पन्न होने वाले तूफान हैं, जो उत्तर भारत में सर्दियों में बारिश और हिमालय में बर्फबारी लाते हैं। - शक्तिशाली जेट स्ट्रीम:
इस क्षेत्र में करीब एक हफ्ते से 278 किमी/घंटा की रफ्तार वाली उपोष्णीय पश्चिमी जेट स्ट्रीम सक्रिय है, जिसने मौसम में बड़ा बदलाव किया है। - सूखा मौसम:
पिछले दो महीनों में पंजाब और हरियाणा में सामान्य बारिश का बहुत कम हिस्सा ही मिला। पंजाब में केवल 18% और हरियाणा में मात्र 4% बारिश हुई। इस सूखे मौसम ने मिट्टी की नमी कम कर दी, जिससे रात के समय ठंडक बढ़ गई। - पहाड़ों में भारी बर्फबारी:
पहाड़ी क्षेत्रों में जल्दी और भारी बर्फबारी हुई है, जिससे ठंडी हवा मैदानों की ओर आ रही है।
दिन गर्म और रातें ठंडी क्यों हो रही हैं?
IMD के अनुसार, साफ आसमान और शुष्क मौसम के कारण रात के समय गर्मी तेजी से निकल जाती है। साथ ही, उत्तर-पश्चिमी ठंडी और शुष्क हवाएं रात के तापमान को और गिरा रही हैं। दिन में तेज धूप के कारण तापमान थोड़ा गर्म महसूस होता है।
IMD के निदेशक सुरिंदर पॉल ने कहा, “पिछले वर्षों में ठंड की लहरों के दौरान दिन का तापमान भी बहुत गिर जाता था। लेकिन इस साल रातें ज्यादा ठंडी हो रही हैं, और दिन का तापमान सामान्य से करीब है।”
आगे के दिनों में मौसम का मिजाज
IMD ने भविष्यवाणी की है कि 15 दिसंबर तक उत्तर भारत के कई हिस्सों में ठंड की लहरें जारी रहेंगी। कुछ स्थानों पर गंभीर ठंड की लहर भी देखने को मिल सकती है। अगर सूखा मौसम और ठंडी हवाएं जारी रहीं, तो रात का तापमान सामान्य से नीचे बना रहेगा।
जलवायु परिवर्तन का असर
मौसम विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसी घटनाएं जलवायु परिवर्तन के कारण और अधिक सामान्य हो सकती हैं। सूखा मौसम, असामान्य तापमान और बर्फबारी जैसी स्थितियां आने वाले समय में और बढ़ सकती हैं।
समाप्ति पर एक सोच
इस साल की जल्दी शुरू हुई ठंड की लहर ने लोगों को अपनी दिनचर्या में बदलाव करने पर मजबूर कर दिया है। ऐसे में, सर्दियों के लिए तैयारी पहले ही शुरू कर देनी चाहिए, खासकर उन लोगों के लिए जो खुले में रहते हैं। जलवायु परिवर्तन के प्रति जागरूकता और समय पर कदम उठाना अब पहले से कहीं अधिक जरूरी हो गया है।