नोएडा स्थित होम सैलून सर्विस कंपनी YesMadam इन दिनों सोशल मीडिया पर ज़ोरदार आलोचना का शिकार हो रही है। वजह? एक ऐसा कदम जो किसी को भी सिर खुजाने पर मजबूर कर दे! कंपनी ने हाल ही में कर्मचारियों से तनाव के बारे में पूछने के लिए एक सर्वे कराया और जैसे ही कुछ ने ‘हाँ’ कहा, उन्हें नौकरी से बाहर का रास्ता दिखा दिया।
कर्मचारियों का दर्द, “हमें तो हँसते-हँसते रुला दिया!”
एक पूर्व कर्मचारी ने अपनी नाराज़गी जाहिर करते हुए कहा, “YesMadam में आखिर चल क्या रहा है? पहले एक सर्वे कराया और फिर रातों-रात हमें निकाल दिया सिर्फ इसलिए क्योंकि हमने कहा कि हम तनाव में हैं। और मैं ही नहीं, 100 और लोगों को भी निकाल दिया गया।”
अब इस पर HR का ईमेल वायरल हो गया है, जिसने मामले को और तूल दे दिया।
HR का ईमेल: तनाव भगाओ, कर्मचारी हटाओ!
YesMadam ने अपने कर्मचारियों के तनाव स्तर को मापने के लिए एक सर्वे किया। लेकिन नतीजे सुनकर सब चौंक गए। तनावग्रस्त कर्मचारियों की मदद करने के बजाय कंपनी ने उनसे “विदा” लेने का फैसला कर लिया।
वायरल ईमेल में लिखा था:
*”प्रिय टीम,
हाल ही में, हमने कार्यस्थल पर आपके तनाव को समझने के लिए एक सर्वे किया। आप में से कई ने अपने अनुभव साझा किए, जिन्हें हम पूरी गंभीरता से मानते हैं।
एक स्वस्थ और सहायक कार्य माहौल बनाने की प्रतिबद्धता के तहत, हमने फैसला किया है कि जो कर्मचारी अत्यधिक तनाव में हैं, उनसे अलग होना ही बेहतर होगा।
यह निर्णय तत्काल प्रभाव से लागू होगा। प्रभावित कर्मचारियों को अलग से जानकारी दी जाएगी।
आपके योगदान के लिए धन्यवाद।
सादर,
HR मैनेजर, YesMadam”*
“तनाव मत लो, नौकरी भी मत लो!”
यह ईमेल सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है, और लोग इसे पढ़कर अपनी हँसी-गुस्सा रोक नहीं पा रहे। एक यूजर ने कहा, “दुनिया का सबसे अजीब छंटनी मामला। YesMadam ने पूछा, ‘तनाव में हो?’ और फिर जिन्हें तनाव हुआ, उन्हें बाहर निकाल दिया।”
दूसरे ने चुटकी लेते हुए कहा, “Startup Culture at its peak! YesMadam का नया मंत्र: ‘तनाव में हो? जाओ आराम करो…घर पे!’”
“सहानुभूति? किसे चाहिए!?”
आलोचकों का कहना है कि यह कदम सिर्फ अमानवीय ही नहीं बल्कि पूरी तरह से गैर-प्रोडक्टिव भी है। एक तरफ कंपनियाँ तनाव कम करने के लिए वेलनेस प्रोग्राम चला रही हैं, वहीं दूसरी तरफ YesMadam ने सीधे “प्रॉब्लम खत्म = प्रॉब्लम सॉल्व” का फॉर्मूला लागू कर दिया।
शितिज डोगरा, जो IndiGo में एसोसिएट डायरेक्टर हैं, ने LinkedIn पर सवाल उठाते हुए लिखा, “क्या कोई कंपनी आपको सिर्फ इसलिए निकाल सकती है क्योंकि आप तनाव में हैं? लगता है YesMadam ने यह कर दिखाया।”
क्या सबक लें?
YesMadam के इस कदम ने सवाल खड़ा कर दिया है: क्या कर्मचारी केवल परफॉर्मेंस मशीन हैं, या वे इंसान हैं जिनकी भावनाएँ भी मायने रखती हैं? तनाव का हल निकालने की बजाय कर्मचारियों को निकाल देना न केवल नैतिकता पर सवाल उठाता है, बल्कि कंपनी की वर्क कल्चर पर भी।
सोशल मीडिया पर यह मामला भले मज़ाक का कारण बन गया हो, लेकिन यह कार्यस्थल पर मानसिक स्वास्थ्य के प्रति हमारी जिम्मेदारियों को गंभीरता से समझने का संदेश देता है।
कहानी का सार: काम पर तनाव है तो हँसते रहो, वरना नौकरी गई समझो!