लोकसभा की कार्यवाही स्थगित
सोमवार को लोकसभा की कार्यवाही शुरू होते ही 12 बजे तक स्थगित कर दी गई। इस दौरान केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने राजनीतिक दलों से अपील की कि “भारत विरोधी ताकतों” का मुकाबला करने के लिए सभी दलों को एकजुट होना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर राजनीतिक मतभेदों से ऊपर उठने की जरूरत है।
सोरोस-कांग्रेस लिंक पर किरेन रिजिजू का बयान
रिजिजू ने जॉर्ज सोरोस और भारत विरोधी गतिविधियों के कथित संबंधों पर बात करते हुए कांग्रेस नेताओं से आग्रह किया कि वे इस मामले को गंभीरता से लें। उन्होंने कहा कि अगर इसमें उनकी पार्टी के सदस्य शामिल हों, तो भी इसे नजरअंदाज न किया जाए। रिजिजू ने यह भी जानकारी दी कि संविधान पर चर्चा 13 दिसंबर से 17 दिसंबर तक होगी।
कांग्रेस की प्रतिक्रिया: भारत-चीन संबंधों पर चर्चा की मांग
कांग्रेस ने भारत-चीन संबंधों पर व्यापक बहस की मांग की है। इसमें रणनीतिक और आर्थिक नीतियों पर चर्चा की जाएगी। यह मांग विदेश मंत्री एस. जयशंकर के हालिया संबोधन के बाद उठाई गई है, जिसमें उन्होंने पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर पेट्रोलिंग से जुड़े समझौतों पर बात की थी।
जयशंकर की संसद में जानकारी
पिछले हफ्ते, विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने संसद के दोनों सदनों को संबोधित करते हुए गलवान घाटी और पेंगोंग त्सो में तनावपूर्ण स्थिति का उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि इन क्षेत्रों में सैनिकों की तैनाती कम करने के लिए बफर ज़ोन बनाए गए थे। साथ ही, उन्होंने 2020 में हुए कुछ अन्य विवादित इलाकों में लागू किए गए अस्थायी उपायों का भी जिक्र किया।
जयशंकर के बयान के बाद विपक्षी सांसदों ने विरोध किया और कुछ सांसद वॉकआउट कर गए। खासकर तब, जब राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने विपक्ष को सफाई मांगने की अनुमति नहीं दी।
संविधान पर चर्चा की योजना
संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने यह भी बताया कि संसद में संविधान से संबंधित मुद्दों पर चर्चा के लिए 13 से 17 दिसंबर का समय निर्धारित किया गया है।
संक्षेप में:
संसद के शीतकालीन सत्र का 11वां दिन कई महत्वपूर्ण मुद्दों से भरपूर रहा। जहां एक ओर कांग्रेस ने भारत-चीन संबंधों पर गहन चर्चा की मांग की, वहीं सरकार ने संविधान पर चर्चा के लिए खास समय तय किया है। विपक्ष और सरकार के बीच तनावपूर्ण माहौल इस दिन की विशेषता रही।