महाराष्ट्र चुनाव में महायुति की शानदार जीत के 10 दिन बाद आखिरकार सस्पेंस खत्म हो गया है। गुरुवार शाम 5:30 बजे, मुंबई के ऐतिहासिक आजाद मैदान में देवेंद्र फडणवीस मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। अजित पवार के उपमुख्यमंत्री बनने की पुष्टि हो चुकी है, लेकिन एकनाथ शिंदे का नाम अभी भी औपचारिक रूप से सामने नहीं आया है।
महायुति के प्रमुख सहयोगी दल भाजपा, शिवसेना और एनसीपी के बीच अभी भी बातचीत जारी है। यही वजह है कि फिलहाल अन्य किसी मंत्री को शपथ नहीं दिलाई जाएगी। महाराष्ट्र सरकार में अधिकतम 43 मंत्री हो सकते हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह, जिन्होंने महाराष्ट्र में भाजपा की ऐतिहासिक 132 सीटों की जीत को मुमकिन बनाया, शपथ ग्रहण समारोह में मौजूद रहेंगे।
गठबंधन की मजबूती दिखाने की कोशिश
कार्यवाहक मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, फडणवीस और अजित पवार ने मिलकर महाराष्ट्र के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन से मुलाकात कर सरकार बनाने का दावा पेश किया। इस दौरान उनके पास अपने-अपने विधायकों का समर्थन पत्र भी था।
मंगलवार को फडणवीस ने शिंदे से मुलाकात कर मुख्यमंत्री पद को लेकर अंतिम बातचीत की। राजभवन के बाहर मीडिया से बातचीत में फडणवीस ने कहा, “मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री के पद तकनीकी व्यवस्थाएं हैं। हम तीनों मिलकर महाराष्ट्र के हित में फैसले लेंगे। पहले भी हमने सामूहिक निर्णय लिए और एक टीम की तरह काम किया।”
फडणवीस ने यह भी कहा, “मैंने व्यक्तिगत रूप से शिंदे जी से सरकार में शामिल होने का अनुरोध किया। यह भाजपा और शिवसेना दोनों की इच्छा है कि वे महायुति सरकार का हिस्सा बनें।”
शिवसेना के सूत्रों के अनुसार, शिंदे इस पर विचार कर रहे हैं और जल्द ही उपमुख्यमंत्री बनने के लिए तैयार हो सकते हैं।
शिंदे का बयान और उनका सस्पेंस
राज्यपाल से मुलाकात के बाद मीडिया से बातचीत में शिंदे ने फडणवीस को समर्थन देने की घोषणा की। उन्होंने कहा, “ठीक ढाई साल पहले, इसी जगह पर फडणवीस जी ने मुख्यमंत्री पद के लिए मेरा नाम लिया था। आज, मैं खुशी से उनके नाम का समर्थन करता हूं।”
शिंदे ने गठबंधन में किसी भी मतभेद की खबरों को खारिज करते हुए कहा, “सरकार का गठन सौहार्दपूर्ण और दोस्ताना माहौल में हो रहा है।”
हालांकि, सरकार गठन की चर्चा के बीच अचानक सतारा गांव चले जाने पर शिंदे ने सफाई देते हुए कहा कि वे “आराम करने” गए थे। उन्होंने कहा, “मैं अब ठीक हूं, बस थोड़ा गला खराब था।”
फडणवीस के नाम पर मुहर
बुधवार को भाजपा की कोर कमेटी ने फडणवीस के नाम पर अंतिम मुहर लगा दी। इसके बाद 132 सदस्यीय भाजपा विधायक दल ने सर्वसम्मति से उन्हें अपना नेता चुना। केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण और गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने केंद्रीय पर्यवेक्षक के रूप में इन बैठकों में भाग लिया।
फडणवीस ने विधायकों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भूमिका को सराहा। उन्होंने कहा, “विधानसभा चुनाव ने दिखाया कि ‘एक हैं तो सेफ हैं, मोदी हैं तो मुमकिन है।’”
महाराष्ट्र के लिए 24/7 काम का वादा
फडणवीस ने अपने तीसरी बार मुख्यमंत्री बनने को एक साधारण कार्यकर्ता की जीत बताया और प्रधानमंत्री मोदी, अमित शाह, जेपी नड्डा और वरिष्ठ नेताओं का आभार व्यक्त किया। उन्होंने महा विकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार के कार्यकाल को “कठिन समय” बताया और कहा कि उनकी सरकार ने पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं पर झूठे मुकदमे दर्ज किए, लेकिन सभी ने मिलकर उन मुश्किलों को पार किया।
आखिर में, फडणवीस ने वादा किया कि उनकी सरकार सभी वर्गों, समुदायों और धर्मों के लिए, खासकर पिछड़े और वंचित तबकों के कल्याण के लिए 24/7 काम करेगी।