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प्रो. मनमोहन सिंह रौथाण बने हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय के कार्यवाहक कुलपति

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Last updated: 2024/12/04 at 1:05 PM
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हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय में नए कार्यवाहक कुलपति के तौर पर प्रो. मनमोहन सिंह रौथाण का नाम तय किया गया है। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिए हैं। संभावना है कि प्रो. रौथाण 5 दिसंबर को पदभार ग्रहण करेंगे।

Contents
प्रो. अन्नपूर्णा नौटियाल का कार्यकाल समाप्तकौन हैं प्रो. मनमोहन सिंह रौथाण?शिक्षा और करियर की शुरुआतप्रोफेशनल करियरशैक्षणिक सफर और एचएनबी गढ़वाल विश्वविद्यालय से जुड़ावअन्य महत्वपूर्ण भूमिकाएंनए कुलपति से उम्मीदें

प्रो. अन्नपूर्णा नौटियाल का कार्यकाल समाप्त

विश्वविद्यालय की वर्तमान कुलपति प्रो. अन्नपूर्णा नौटियाल का कार्यकाल 31 अक्टूबर 2024 को समाप्त हो चुका है। उन्होंने 19 अक्टूबर 2018 को कार्यवाहक कुलपति के रूप में पदभार संभाला था और उसके बाद स्थायी कुलपति के रूप में भी सेवा दी। इस तरह, उन्होंने लगभग साढ़े छह साल तक विश्वविद्यालय के कुलपति पद पर अपनी जिम्मेदारी निभाई।
केंद्रीय विश्वविद्यालय अधिनियम के अनुसार, नए कुलपति की नियुक्ति तक या तो वर्तमान कुलपति पद पर बने रह सकते हैं या विश्वविद्यालय के वरिष्ठ प्रोफेसर को कार्यवाहक कुलपति बनाया जा सकता है।

कौन हैं प्रो. मनमोहन सिंह रौथाण?

प्रो. मनमोहन सिंह रौथाण का नाम शिक्षा और तकनीकी विकास के क्षेत्र में बेहद सम्मानित है। उन्होंने अपने 30 साल से अधिक के करियर में शिक्षा और प्रशासनिक कार्यों में कई महत्वपूर्ण योगदान दिए हैं।

शिक्षा और करियर की शुरुआत

प्रो. रौथाण ने 1985 में आईआईटी दिल्ली से भौतिकी में एम.एससी. किया। इसके बाद 1987 में रुड़की विश्वविद्यालय (अब आईआईटी रुड़की) से कंप्यूटर साइंस और इंजीनियरिंग में एम.टेक. की डिग्री हासिल की। इसके बाद उन्होंने नैनीताल स्थित कुमाऊं विश्वविद्यालय से पीएच.डी. पूरी कर शिक्षा में अपनी नींव और मजबूत की।

प्रोफेशनल करियर

उन्होंने अपने करियर की शुरुआत अगस्त 1987 में भोपाल के सरकारी कंप्यूटर सेंटर में प्रोग्रामर के रूप में की। 1988 में वे राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (NIC), दिल्ली से जुड़े, जहां उन्होंने वरिष्ठ सिस्टम विश्लेषक के रूप में 1995 तक सेवा दी। यहां उनकी उत्कृष्ट सेवाओं के लिए उन्हें भारत के राष्ट्रपति द्वारा पुरस्कृत किया गया।

शैक्षणिक सफर और एचएनबी गढ़वाल विश्वविद्यालय से जुड़ाव

1995 में उन्होंने जी.बी. पंत इंजीनियरिंग कॉलेज, पौड़ी में रीडर के रूप में काम शुरू किया। इसके बाद 2001 में वे एचएनबी गढ़वाल विश्वविद्यालय में कंप्यूटर साइंस और इंजीनियरिंग के प्रोफेसर बने।

  • परीक्षा नियंत्रक (कंप्यूटरीकरण): 2002 से 2011 के दौरान, उन्होंने विश्वविद्यालय की परीक्षा प्रणाली को कम्प्यूटरीकृत किया, जो पहले बाहरी एजेंसियों पर निर्भर थी।
  • कंप्यूटर साइंस विभाग का नेतृत्व: 2001 से उन्होंने इस विभाग का नेतृत्व किया।
  • डीन, स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी: जनवरी 2013 से जनवरी 2016 तक उन्होंने यह महत्वपूर्ण जिम्मेदारी निभाई।

अन्य महत्वपूर्ण भूमिकाएं

एचएनबी गढ़वाल विश्वविद्यालय से पहले, उन्होंने जी.बी. पंत इंजीनियरिंग कॉलेज में डीएसडब्ल्यू और ट्रेनिंग एवं प्लेसमेंट अधिकारी के रूप में भी सेवाएं दीं।

नए कुलपति से उम्मीदें

प्रो. रौथाण के पास प्रशासन और तकनीकी ज्ञान का बेजोड़ अनुभव है। यह उम्मीद की जा रही है कि उनकी नियुक्ति से विश्वविद्यालय को नए आयाम मिलेंगे और छात्रों को उच्च गुणवत्ता की शिक्षा और सुविधाएं प्राप्त होंगी।

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