नए मंत्रियों का अभी शपथ ग्रहण बाकी; झामुमो को मिल सकती हैं 6 कैबिनेट सीटें, कांग्रेस को 4 और आरजेडी को 1; मुख्यमंत्री ने शपथ लेने के बाद राज्यhood आंदोलन और आम जनता को समर्पित किया विजय
रांची के मोरहाबादी मैदान में एक भव्य समारोह में हेमंत सोरेन ने गुरुवार (28 नवंबर, 2024) को झारखंड के 14वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली।
गवर्नर संतोष कुमार गंगवार ने उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई।
इस शपथ ग्रहण समारोह में इंडिया गठबंधन के प्रमुख नेता उपस्थित रहे, जिनमें कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव, आम आदमी पार्टी नेता अरविंद केजरीवाल और उनकी पत्नी सुनीता केजरीवाल, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान और आरजेडी नेता तेजस्वी यादव शामिल थे।
कर्नाटक के डिप्टी सीएम डी.के. शिवकुमार, तमिलनाडु के डिप्टी सीएम उदयनिधि स्टालिन, कांग्रेस नेता तारिक अनवर, पूर्णिया के सांसद पप्पू यादव और सीपीआई (एमएल) लिबरेशन के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य जैसे कई प्रमुख नेता भी मौजूद थे।
परिवार को समर्पण और ऐतिहासिक जीत
शपथ लेने से पहले हेमंत सोरेन ने मंच पर अपने पिता शिबू सोरेन और माता रूपी सोरेन के पैर छूकर आशीर्वाद लिया। यह उनका चौथा कार्यकाल है और लगातार दूसरी बार मुख्यमंत्री बनने वाले वह इकलौते नेता हैं।
हेमंत सोरेन की राजनीतिक यात्रा आसान नहीं रही। 31 जनवरी 2024 को ईडी द्वारा उनकी गिरफ्तारी और बाद में मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद चंपई सोरेन (जो अब बीजेपी में हैं) को मुख्यमंत्री बनाया गया। लेकिन कानूनी लड़ाई जीतने के बाद 28 जून 2024 को झारखंड हाईकोर्ट ने उन्हें जमानत दी।
जेल से रिहाई के बाद, 4 जुलाई 2024 को उन्होंने तीसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। हाल ही में संपन्न विधानसभा चुनाव में इंडिया गठबंधन ने 81 में से 56 सीटों पर बड़ी जीत हासिल की।
राजनीति में कदम और संघर्ष की कहानी
हेमंत सोरेन ने राजनीति में प्रवेश अपने बड़े भाई दुर्गा सोरेन की मृत्यु के बाद किया। झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) में उनकी अहम भूमिका रही है। वे कुछ समय के लिए राज्यसभा सदस्य और अर्जुन मुंडा की गठबंधन सरकार में उपमुख्यमंत्री भी रहे।
बीआईटी मेसरा के छात्र रहे हेमंत ने पढ़ाई बीच में छोड़कर राजनीति में कदम रखा। 2005 में उन्होंने पहली बार विधानसभा चुनाव दुमका सीट से लड़ा लेकिन झामुमो के बागी स्टीफन मरांडी से हार गए। 2009 में वे पहली बार विधायक बने।
2013 में उन्होंने कांग्रेस और आरजेडी के सहयोग से पहली बार मुख्यमंत्री पद संभाला। 2019 के चुनाव परिणामों के बाद 29 दिसंबर 2019 को उन्होंने दूसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली।
परिवार का समर्थन और चुनावी जीत
जेल जाने के बाद उनकी पत्नी कल्पना सोरेन ने राजनीति में कदम रखा और गंडे सीट से उपचुनाव जीतकर अपनी पहचान बनाई। इस चुनाव में उन्होंने बीजेपी की मुनिया देवी को 17,142 वोटों से हराया। वहीं, हेमंत सोरेन ने बरहेट सीट से बीजेपी के गमलियल हेम्ब्रम को 39,791 वोटों से हराया।
कैबिनेट गठन पर नजरें
शपथ समारोह में हेमंत सोरेन के अलावा किसी मंत्री ने शपथ नहीं ली। हालांकि सूत्रों के मुताबिक, कैबिनेट का फॉर्मूला तय है—झामुमो को 6, कांग्रेस को 4 और आरजेडी को 1 मंत्री पद मिलेगा। सीपीआई(एमएल)एल इस बार भी कैबिनेट में शामिल नहीं होगी।
जनता के लिए संदेश
शपथ लेने के बाद हेमंत सोरेन ने सोशल मीडिया पर लिखा:
“आज का ऐतिहासिक क्षण अमर वीर शहीदों, महान क्रांतिकारियों और झारखंड के आंदोलनकारियों को समर्पित है। यह भावुक पल झारखंड के करोड़ों लोगों को समर्पित है। अबुआ सरकार – हर झारखंडी की सरकार।”
यह संदेश न केवल उनकी जीत का जश्न है बल्कि झारखंड की जनता के लिए उनकी प्रतिबद्धता का प्रतीक भी है।